बड़ा खुलासा: BF.7 की गंभीरता कम,फिर चीन में क्यों बिगड़े हालात? एक रिपोर्ट ने कई देशों की बढ़ा दी चिंता
29 दिसंबर 2022-चीन में कोरोना संक्रमण के अचानक बढ़े मामले वैश्विक चिंता का कारण बने हुए हैं। WHO ने हालिया रिपोर्ट में सभी देशों को अलर्ट करते हुए बचाव के उपायों को तेज करने की सलाह दी है। चीन में कोरोना के संक्रमण के लिए अति-संक्रामक ओमि क्रॉन BF.7 वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। शोध बताते हैं कि इस वैरिएंट की संक्रामकता दर भले ही अधिक है पर इससे गंभीर रोग का खतरा कम है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि फिर चीन में इतनी तेजी से हालात गंभीर रूप क्यों लेते जा रहे हैं? हल्के लक्षणों वाला यह वैरिएंट चीन में इतना गंभीर क्यों साबित हो रहा है? इस सवाल को लेकर विशेषज्ञों की टीम ने बड़ा दावा किया है। तिब्बत प्रेस का बड़ा खुलासा-इस संबंध में तिब्बत प्रेस ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के लोगों को दी गई वैक्सीन की प्रभावशीलता काफी कम देखी जा रही है,इस वजह से यहां संक्रमण की स्थिति में ओमिक्रॉन जैसे हल्के वैरिएंट के कारण भी लोगों को गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल चीन में ज्यादातर संक्रमितों में निम्न स्तर की एंटीबॉडीज देखी जी रही है,इसके कारण यहां न सिर्फ संक्रमण का खतरा बढ़ा है साथ ही लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी देखी जा रही है। विशेषज्ञों ने चेताया है कि जिन देशों ने चीन की वैक्सीन को अपने यहां प्रयोग किया है उन्हें भी अलर्ट रहने और लोगों की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है। चीनी टीकों की प्रभावशीलता बेहद कम,साइड इफेक्ट्स का भी जोखिम-तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार,स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है,चीनी टीकों की प्रभावशीलता कम होने के कारण यहां लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम देखी जा रही है,यही कारण है कि यहां संक्रमण इतनी गंभीर रूप ले रहा है। जिन देशों में चीनी टीके लगाए गए हैं,वहां के लोगों की भी प्रतिरक्षा पर प्रश्नचिन्ह है,वहां भी संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोगों का खतरा हो सकता है। इस तरह के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सरकारों को टीकाकरण को लेकर फिर से विचार करने और लोगों को प्रभावी बूस्टर डोज लगवाने पर जोर देना चाहिए।कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लोगों ने चीनी वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट्स का भी अनुभव किया है,जो भी एक खतरे की तरफ इशारा करती है। चीन के वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स का भी जोखिम अधिक किन देशों ने आयात किए थे टीके-मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडोनेशिया,तुर्किस्तान,ब्राजील,ईरान,पाकिस्तान,कोलंबिया,श्रीलंका, चिली,मैक्सिको,बांग्लादेश ने चीनी वैक्सीन आयात किए थे। दिसंबर 2020 में,इंडोनेशिया और ब्राजील ने शुरुआत में चीनी वैक्सीन की प्रभाविकता 78-97%होने का भी दावा भी किया था। हालांकि अब चीन में बिगड़ते हालात को देखते हुए तुर्की सरकार ने इन टीकों की प्रभावशीलता की जांच शुरू कर दी है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन ने अपने वैक्सीन से होने वाले साइड-इफेक्ट्स को छिपाने के लिए डेटा टेम्परिंग भी की है,इस तरह के मामले सामने आने के बाद वैक्सीन आयात करने वाले देशों ने नए सिरे से इसकी प्रभावशीलता की जांच शुरू कर दी है। वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडीज कम-रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2021 तक,चीन ने अपने नागरिकों को 2.4 बिलियन खुराक दी और दुनियाभर में लगभग 1.3 बिलियन वैक्सीन खुराक वितरित की गई। 2022 तक,वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सिनोफार्म ने दुनिया भर में 3.5 बिलियन से अधिक खुराक वितरित करने का दावा किया है। तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन लीक हुए एक दस्तावेज में दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन की विश्वसनीयता पर पहले से सवाल खड़े हो रहे थे। एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है,चीनी प्रांत सिचुआन में सर्वेक्षण में शामिल 60% से अधिक लोगों ने वैक्सीनेशन के बाद दोबारा संक्रमण और अधिकतर लोगों ने इसके साइड-इफेक्ट्स का अनुभव किया। हालांकि चीन सरकार ने इन रिपोर्ट की जानकारी साझा नहीं की। वैज्ञानिकों ने अन्य देशों को किया अलर्ट-वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों और इसके साइड इफेक्ट्स के जोखिमों को देखते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन जैसे हालात अन्य देशों में भी बिगड़ सकते हैं। जिन देशों ने चीनी टीकों का आयात किया था उन्हें इसकी प्रभावशीलता और लोगों की प्रतिरक्षा को लेकर फिर से जांच की आवश्यकता है। ज्यादातर संक्रमितों में वैक्सीन से बनीं एंटी बॉडीज की प्रभाविकता कम देखी जा रही है,जिससे उनमें गंभीर रोग का खतरा बढ़ गया है। चीन जैसे हालात अन्य देशों में भी हो सकते है, इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। --------------- नोट तथा अस्वीकरण:यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। हेल्थ,फिटनेस कैटेगरी के प्रकाशित सभी लेख डॉक्टरों,विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। हम लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करते है और न ही जिम्मेदारी लेते है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।