लॉकडाउन-सबसे ज्यादा डिप्रेशन का शिकार हुई युवतियां



कोरोना लॉकडाउन के कारण सभी लोगों को डिप्रेशन,घबराहट और अकेलेपन का सामना करना पड़ा है।एक हालिया शोध के अनुसार लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव युवतियों पर पड़ा है और उनमें डिप्रेशन,घबराहट और अकेलेपन का स्तर सबसे ज्यादा पाया गया है।यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एक सर्वे किया जिसमें 18,000 लोगों को शामिल किया गया।यह सर्वे मई माह में किया गया जब लॉकडाउन में 3 माह बीत चुके थे।









युवतियों में दिखे ज्यादा लक्षण-शोधकर्ताओं ने पाया कि 19 साल और उससे ऊपर की उम्र के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। 37%युवतियों और 25% युवकों में डिप्रेशन के लक्षण देखे जा सकते थे।लेकिन,30 साल की उम्र की महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया।इस उम्र की 5 में 1महिला में अवसाद की समस्या पिछले 5 सालों की तुलना में दोगुनी देखी गई।4पीढ़ियों में पर किया अध्ययन-शोधकर्ताओं ने महामारी के प्रभाव का अध्ययन 4 पीढ़ियों पर किया।इनमें 62,50,30 और 19 साल की उम्र के लोग शामिल थे।ये सभी प्रतिभागी 4 और सर्वे में भी शामिल थे जिसके तहत उनकी बचपन से निगरानी की जा रही थी।इस शोध में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान पुरुषों की तुलना में महिलाओं को मानसिक समस्याएं ज्यादा हुईं।19 साल की उम्र की युवतियों और युवकों में अकेलेपन की समस्या सबसे ज्यादा देखी गई।30 साल की उम्र के श्रेणी की 37% महिलाओं ने अकेलापन महसूस किया जबकि पुरुषों में यह संख्या 25% रही।वहीं, 62 साल की उम्र की महिलाओं और पुरुषों में से सिर्फ 7% ने डिप्रेशन की शिकायत की।


प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर इमला फिट्जसिमोन ने कहा,25 से 30 साल की उम्र के लोगों की मानसिक स्थिति में होने वाले बदलाव प्राकृतिक थे,लेकिन इसमें महामारी की भी कुछ हद तक भूमिका थी।इस शोध से पता चलता है कि लॉकडाउन के दौरान युवतियों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं सबसे ज्यादा देखी गई।