15 साल,गरीबों की संख्या,34 से बढ़कर हुई 54 हजार,अब होगी जांच



उज्जैन से वाकई चौंका देने वाली गरीबों की संख्या को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है,कि,गरीबों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।दरअसल,उज्जैन में 15 सालों में गरीब परिवारों की संख्या बढ़कर  54,723 हो गई है,जो पहले 34,500 थी।शहर में करीब 1,03,792 परिवार रहते हैं,जिनमें से 54 हजार से ज्यादा परिवार गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।यानी इन 15 सालों में गरीबी में 58% की वृद्धि हुई है।हालांकि,अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में शहर में इतने परिवार गरीबी रेखा में हैं,या फिर फर्जी तरीके से इनके नाम गरीबी रेखा की लिस्ट में जोड़े गए हैं।
































बता दें,उज्जैन नगर निगम की एक रिपोर्ट की मानें तो राज्य सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का 15 साल पहले साल 2004-05 में सर्वे कराया था।तब गरीबी रेखा की सूची में 35,500 परिवारों के नाम शामिल किए गए थे,हालां कि,साल 2010 तक इस सूची में ना किसी का नाम जोड़ा गया और ना ही काटा गया।अब हाल ही में कलेक्टरों ने सूची में नए नाम जोड़ने और गरीबी से अमीरी की ओर बढ़े परिवारों के नाम सूची से काटने का काम अनुविभागीय अधिकारियों से कराया था।


इस व्यवस्था के आने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं,वह वाकई चौंकाने वाले हैं क्योंकि गरीब परिवारों की संख्या घटने की बजाय 58%बढ़ गई है।अब इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने BPL परिवारों का नए सिरे से सत्यापन करने के निर्देश SDM को दिए हैं।उन्होंने यह भी कहा है कि अपात्र लोगों के पंचनामे बनाकर सूचीबद्ध किया जाए।